बाबा रामदेव जी की जन्म कथा। श्री कृष्ण के अवतार और सब धर्मों के श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करने वाले बाबा रामदेव जी हिंदुओं और मुसलमानों के पुज्य हैं। इनका तीर्थ राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामदेवरा में स्थित है। यहां रेल और सड़क मार्ग से पहुंच जा सकता है। हिंदुओं की मान्यता के अनुसार बाबा रामदेव जी का जन्म 1409 ई में भाद्रपद शुक्ल द्वित्या को राजस्थान के बाड़मेर में हुआ बताया जाता है। इनके पिता रुणिचा के शासक अजमल जी थे, माता का नाम मैणादे था। इनके एक बड़े चचेरे भाई का नाम विरमदेव जी था। ऐसा कहा जाता है कि तोमर वंशीय पोकरण के राजा अजमल जी के यहां कोई संतान नहीं हुई थी। अजमल जी प्रजा को ही अपनी संतान समझते थे। प्रजा की सुख सुविधा में ही उन्होंने अपना जीवन समर्पण कर दिया था। अचानक एक घटना जिसमे उन्हें उनकी जनता ने ही उन्हें निसंतान होने का अहसास कराया। जब उन्हे पता चला की उनकी जनता में कुछ लोग निसंतान व्यक्ति के दर्शन को अपशकुन मानते हैं, तो अजमल जी ने द्वारकाधीश कि अर्चना आरंभ की। राजा अजमल जी ने भगवान द्वारिकाधीस की इतनी भक्ति की कि की भगवान ने इन्हे आशीर्वाद दिया कि मैं ...
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